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Covid-19 Vaccine in Pregnancy: कोरोना वायरस की वैक्सीन महामारी के खिलाफ सुरक्षा के लिहाज से सबसे बड़ी उम्मीद की किरण बनकर सामने आयी हैं। भारत में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन ड्राइव के तहत अब नौजवानों (18 वर्ष से अधिक उम्र वाले) को भी वैक्सीन लगाने का कार्य हो रहा है। चरणबद्ध तरीके से खास रणनीति तैयार करते हुए कोरोना वायर की वैक्सीन्स लोगों को लगायी जा रही हैं। बता दें कि 2 वैक्सीन्स के साथ इस टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत 16 जनवरी 2021 को हुई । अब देश में राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। (Covid-19 Vaccination Drive in India)
बता दें कि, देश में महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने अपने नागरिकों को अधिकतम टीके लगाने से जुड़े कई बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं। एक विशेष रणनीति के तहत भारत में वैक्सीन लगाने के लिए प्राथमिकता तय की गयी है और उसी आधार पर नागरिकों को कोरोना का टीका लगाया गया। देश में टीकाकरण के 3 चरण तय किए गए और हर चरण में प्राथमिकता के अनुसार लोगों को वैक्सीन लगायी गयी। पहले चरण में हेल्थ केयर स्टाफ, कोरोना वॉरियर्स के अलावा हाई-रिस्क ग्रुप्स, डायबिटीज़ के मरीज, बुज़ुर्गों और पत्रकारों को शामिल किया गया । वहीं, दूसरे चरण में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगयी गयी। जबकि, तीसरे चरण में वैक्सीनेशन के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को एलिजिबल बताया गया और नौजवानों को भी वैक्सीन लगायी गयी। (Covid-19 Vaccine For 18+ population in India)
वैक्सीनेशन ड्राइव के तहत अब 2-16 वर्ष के बच्चों को भी वैक्सीन लगाने की योजनाएं बनायी जा रही हैं और इसके लिए देश की प्रमुख वैक्सीन निर्माता कम्पनियों और लैब्स को ट्रायल्स की अनुमति दी जा चुकी है। लेकिन, इन ससबके बीच सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या गर्भवती महिलाओं को भी कोविड-19 की वैक्सीन लगायी जाएगी? (Covid-19 Vaccine in Pregnancy safety)
सेंटर फॉर डिज़िज़ कंट्रोल ( CDC) के अनुसार, “ ऐसी प्रेगनेंट महिलाएं जिन्हें कोविड-19 इंफेक्शन हुआ है उन्हें कई गम्भीर समस्याएं होने का डर है, जिनकी वजह से उन्हें आईसीयू में भर्ती कराने की नौबत आ सकता है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी असर हो सकता है और प्रीटर्म बेबी (समय से पहले जन्म) की संभावना भी बढ़ सकती है। यही वजह है कि कोविड-19 वैक्सीन्स को गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली महिलाओं को कोरोना वैक्सीन लेने और अपने बच्चे को इसके दुष्परिणामों से बचाना चाहिए। (Covid-19 Vaccine in Pregnancy)
हालांकि, इसके कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है जो यह दर्शाते हैं कि कोविड-19 वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सेफ नहीं है। इसीलिए एक्सपर्ट्स की यह राय केवल एक अनुमान भर है। डॉक्टरों के अनुसार, जैसा कि गर्भवती महिलाओं में बीमारियों का खतरा अधिक होता है इसीलिए, उन्हें अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरे में नहीं डालना चाहिए। इसीलिए अगर, गर्भवती महिलाओं को तब तक यह वैक्सीन लेने से बचना चाहिए, जब तक कि वैज्ञानिक इसे प्रेगनेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित होने की घोषणा नहीं कर देते।
गौरतलब है कि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की तरफ से पहले ही यह स्प्ष्ट किया जा चुका था कि कोविड वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित हैं। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे जुड़ी नयी गाइडलाइंस जारी करते हुए इस विषय में लोगों की दुविधा को दूर करने के प्रयास किए। इन नयी गाइडलाइंस में कहा गया है कि, कोविड वैक्सीन्स पूरी तरह सेफ हैं और इन्हें लगवाने से गर्भवती महिला या उसके बच्चे को कोविड संक्रमण का जोख़िम नही बढ़ेगा। (Covid-19 Vaccine in Pregnancy)
इन निर्देंशों में कहा गया है कि, गर्भवती महिलाएं कोरोना का टीका लगवा सकती हैं। गाइडलाइंस में कहा गया गया कि, यह महत्वपूर्ण है कि प्रेगनेंट महिलाएं खुद कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रखें। इसमें, कोविड वैक्सीनेशन भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इसीलिए, सलाह दी जाती है कि प्रेगनेंट महिलाएं भी कोविड-19 वैक्सीन लगावाएं।"