• हिंदी

Ayurvedic Medicine For Covid: कोरोना मरीजों का अब इन 2 आयुर्वेदिक दवाओं से होगा इलाज, वितरण शुरू

Ayurvedic Medicine For Covid: कोरोना मरीजों का अब इन 2 आयुर्वेदिक दवाओं से होगा इलाज, वितरण शुरू
कोरोना मरीजों का अब इन 2 आयुर्वेदिक दवाओं से होगा इलाज, वितरण शुरू

आयुष-64 और काबासुरा कुडिनीर के उत्साहवर्धक परिणामों के आधार पर लक्षणविहीन, हल्के से मध्यम कोविड-19 संक्रमण में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूप में, आयुष मंत्रालय इन औषधियों के वितरण के लिए इस राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ कर रहा है, ताकि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 संक्रमण के मरीजों को इन औषधियों का सही लाभ मिल सके और उन्हें अस्पतालों के चक्कर लगाने की नौबत ही न आने पाए।

Written by Atul Modi |Published : May 7, 2021 11:09 PM IST

देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर का मजबूती से मुकाबला करने के लिए आयुष मंत्रालय शुक्रवार से अपनी पॉली हर्बल औषधि आयुष-64 और काबासूरा कुडिनीर को कोविड-19 संक्रमित रोगियों को वितरित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू कर रहा है। आयुष मंत्रालय ने एक बयान में दावा किया कि इन दवाओं की उपयोगिता और प्रभावशीलता बहु-केंद्रीय क्लीनिकल परीक्षणों के माध्यम से साबित हो चुकी है। किरेन रिजिजू, युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और आयुष मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) द्वारा शुरू किए जा रहे इस अभियान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दवाएं पारदर्शी तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंचे। अभियान में मुख्य सहयोगी के रूप में सेवा भारती संस्था साथ जुड़ी है।

कोरोना के किस प्रकार के रोगियों में कारगर है ये दवा?

कोविड के लक्षणविहीन, हल्के और मध्यम संक्रमण के इलाज में कारगर इन औषधियों के देशव्यापी वितरण की एक व्यापक रणनीति बनाई गई है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में काम करने वाले विभिन्न संस्थानों के व्यापक नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा और यह सेवा भारती के देशव्यापी नेटवर्क द्वारा समर्थित होगा।

आयुष मंत्रालय द्वारा विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे प्रयासों को कारगर बनाने के लिए तथा इस तरह की पहल के लिए रणनीति तैयार करने और विकसित करने के लिए वरिष्ठ विशेषज्ञों के एक समूह के साथ एक अंत:विषयक आयुष अनुसंधान और विकास कार्य बल पहले से ही काम कर रहा है।

Also Read

More News

अध्‍ययन के बाद लोगों को दी जा रही है ये दवा

कोविड-19 के दुष्प्रभाव को घटाने और प्रबंधन में आयुष हस्तक्षेप की भूमिका का आकलन करने के लिए कई नैदानिक (क्लीनिकल), पर्यवेक्षणीय अध्ययन भी किए गए हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल आयुर्वेद और योग के एकीकरण के लिए एक अंत:विषयक समिति भी स्थापित की है, जिसकी अध्यक्षता आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. वी. एम. कटोच तथा विशेषज्ञों के समूह ने की है।

कोविड-19 के खिलाफ जारी इस जंग में आयुष मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों में आयुर्वेद और योग पर आधारित कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल भी शामिल है जिसका उद्देश्य आम जनता को इन प्रणालियों की ताकत का लाभ उठाने में मदद प्रदान करना है।

होम आइसोलेशन के लिए गाइडलाइन जारी

इसके अलावा, कोविड-19 की इस दूसरी लहर के उभार के दौरान मंत्रालय ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और साथ ही कोविड-19 रोगियों के लिए होम आइसोलेशन के दौरान आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार स्वयं की देखभाल के लिए निवारक उपाय साझा किए हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान एथिकल प्रैक्टिसेज पर आयुष चिकित्सकों के लिए सलाह-सहायिका भी जारी की है।

क्‍या है आयुष-64 और काबासुरा कुडिनीर

ज्ञात हो कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान आयुष-64 और काबासुरा कुडिनीर कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के रोगियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं। देश के प्रतिष्ठित शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया है कि आयुष-64, जो कि आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) द्वारा विकसित एक पॉली हर्बल दवा है, हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के उपचार में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूप में उपयोगी है।

उल्लेखनीय है कि आयुष-64 प्रारंभ में मलेरिया के लिए 1980 में विकसित की गई थी और अब इसे कोविड-19 के लिए पुनरुद्देशित किया गया है।