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किडनी के पूरी तरह स्वस्थ करने के लिए और डायलिसिस को समाप्त करने के लिए आयुर्वेद के द्वारा कई प्रकार के योग व उपचार से साथ ही कुछ सुझाव भी दिए जाते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ और कर्मा आयुर्वेद के संस्थापक डॉ. पुनीत का कहना है कि आयुर्वेद के अनुसार जडी बूटियों, योग, ध्यान और मालिश के द्वारा शरीर को नियमित रूप से डिटॉक्स करना बहुत आवश्यक है, जिससे शरीर में रक्त संचार बेहतर हो सके, पारंपरिक आयुर्वेदिक डिटॉक्स सिद्धांत में कई प्रकार की जड़ी-बूटियांं, सप्लीमेंट्स, पर्ज, एनीमा (जिसका उपयोग आंतों की सफाई के लिए किया जाता है) व स्वस्थ जीवन शैली को अपनाया जाता है।
आइए जानते हैं आयुर्वेद के माध्यम से आप न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि किडनी रोगियों के लिए यह डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण से भी बचाता है। किडनी रोगियों के लिए आयुर्वेदिक उपचार सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।
डॉ. पुनीत कहते हैं कि किडनी रोगियों को दर्द निवारक दवाओं, सूजन-रोधी दवाओं, नींद की गोलियों आदि दवाओं का ज्यादा उपयोग न करें और खुद से कोई भी दवा लेने से बचें।
अपने आहार में समुद्री भोजन, अचार, पापड़ जैसे सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। इसके अलावा, अपने प्रोटीन सेवन को नियंत्रित करें और लाल मांस, डेयरी उत्पाद, मशरूम, पालक आदि से बचें। अनाज, सब्जियों और फलों के कम प्रोटीन स्रोतों का विकल्प चुनें।
अपनी डाइट में या फिर आपको ऐसे फूड्स का सेवन करना है, जिसमें पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें, इसके बजाय कम पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ जैसे सेब, पपीता, मूली, और गाजर खाएं।
आपको किडनी को हेल्दी रखने के लिए फैटी फूड्स, पैकेट बंद खाद्य पदार्थ, कोल्ड ड्रिंक, बेकरी आइटम और पुराने खाद्य पदार्थो सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है। आप इसके बजाए ताजा खाना खाएं।
ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लेवन और शरीर के वजन को नियंत्रित करके अपने महत्वपूर्ण अंगों की देखरेख करें, समय समय पर स्वास्थ्य का ध्यान रखें, साथ ही धूम्रपान और शराब के सेवन से आप किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं।