Holi care for asthma patient: होली (Holi) के समय लोग एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं और होली का आनंद उठाते हैं। रंगों के उड़ने से लेकर रंगपंचमी से पहले यानि होलिका दहन वाले दिन उठने वाले धुएं से अस्थमा के मरीज़ों और एलर्जी से परेशान होने वाले लोगों की दिक्कतें (Holi care for asthma and allergic patient ) हो सकती है। जैसा कि होलिका दहन की शाम लोग होलिका के आसपास पूजा करने और परिक्रमा करने के लिए इकट्ठा होते हैं। आग जलने से धुआं और राख उड़ता है। इसी तरह, रात भर होलिका जलने की वजह से लगातार धुआं बनता रहता है। जिससे, अस्थमा अटैक की संभावना बढ़ जाती है। (Holi care for asthma in hindi.)
होली में सूखे रंगों, अबीर और गुलाल जैसी चीज़ों के प्रयोग से बचें। ये रंग बहुत देर तक हवा में रहते हैं। जिससे, ये सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करते हैं जिससे, एलर्जी और अस्थमा अटैक ट्रिगर हो सकता है। (Holi care for asthma)
होलिका दहन में हिस्सा लेने जाएं तो किसी दुपट्टे या स्कार्फ से नाक और मुंह को कवर करें। इससे, अस्थमा अटैक से बचा जा सकता है। आग के बहुत पास जाने से बचें। अगर, आग के पास पूजा करने जाना हो तो, तब जाएं जब धुआं और आग थोड़ी कम हो जाएं।
अस्थमा पेशेंट्स अगर होली खेलने या पूजा में जाएं, तो अपना इंहेलर हमेशा साथ रखें। इससे, सिथेंटिक कलर्स की वजह से एलर्जी होने पर इंहेलर पम्प का इस्तेमाल तुरंत किया जा सकता है। जिससे, अस्थमा अटैक से बचा जा सकते हैं। (Holi care for asthma and allergic patient)
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