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एड्स की बीमारी इंसान के इम्यून सिस्टम को खराब कर देती है. एचआईवी वायरस से इंफेक्टेड इंसान इम्यून सिस्टम खराब होने के बाद कई बीमारियों का शिकार होकर एड्स का रोगी बन जता है. एड्स एक खतरनाक बीमारी है जो एचआईवी वायरस की वजह से होती है। एचआईवी वायरस से इंफेक्टेड इंसान को कितने दिनों में एड्स की बीमारी हो सकती है ? यह सवाल अक्सर लोगों में होता है। एचआईवी पॉजिटिव इंसान धीरे-धीरे एड्स की ओर बढ़ता है। एचआईवी वायरस शरीर के इम्युन सिस्टम को कमजोर कर देता जिसकी वजह से इंसान किसी भी इंफेक्शन से लड़ नहीं पता है। यह भी पढ़ेंः एचआईवी और एड्स में क्या अंतर है ?
एचआईवी व एड्स के प्रति जागरूकता के लिए हर साल विश्व एड्स दिवस 1 दिसम्बर को मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (HIV) वायरस के संक्रमण के कारण होता है जो इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता को लगातार कमजोर करता है। एचआईवी वायरस को एड्स में बदलने में कितना समय लगता है.....यह कई कारकों पर निर्भर करता है।
किसी इंसान में एक बार एचआईवी वायरस आ जाए तो वह धीरे-धीरे उसे एड्स की ओर ले जाता है। भारत में एचआईवी पॉजटिव इंसान 8 से 10 वर्षों में एड्स से ग्रसित हो जाता है।
कुछ लोगों को लगता है कि अगर इंसान किसी अन्य इंफेक्शन से पीड़ित हो तो उसे क्या जल्द एड्स हो जाता है ? लेकिन ऐसा कम ही देखा जाता है। कुछ मामलों में यह जल्द हो सकता है लेकिन इंसान को कम से कम 3 से 4 तरह के इंफेक्शन होने चाहिए।
कुछ मामलों में एचआईवी पॉजटिव होने का पता बहुत देर में चलता है तब तक इंसान कई तरह के इंफेक्शन का शिकार हो जाता है।
एचआईवी से पीड़ित इंसान को अगर टीबी या अन्य तरह की बीमारिया हैं तब भी एड्स होने का समय कम या ज्यादा नहीं होता है। किसी भी एचआईवी पॉजिटिव इंसान को एड्स होने से पहले ही इस वायरस से इंफेक्टेड होने का पता लगाना चाहिए।
एचआईवी पॉजटिव इंसान को कुछ दवाओं के उपयोग से एड्स होने के समय को बढ़ाया जा सकता है। एचआईवी होने का पता अगर जल्द चल जाए तो इंसान का जीवन कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है। भारत में ज्यादातर मामलों में लोगों को तब पता चलता है जब इंसान एड्स से पीड़ित हो जाता है।
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