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इसबगोल गैस और कब्ज की दवा के तौर पर सबसे ज्यादा मसहूर है। इसबगोल की भूसी कब्ज व एसिडिटी को दूर करने में सबसे कारगर आयुर्वेद इलाज मानी जाती है। लेकिन इसबगोल की भूसी खाने के तरीके क्या हैं इसको लेकर लोगों के मन में सवाल रहते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं इसबगोल एक तरह से फाइबर डाइट के तौर पर काम करता है और पाचन तंत्र को ठीक करने का काम करता है। इसबगोल की भूसी वर्षों से कब्ज की परेशानी झेल रहे लोगों को भी फायदा पहुंचाती है। भारत में हर दूसरा इंसान गैस, कब्ज और एसिडिटी की परेशानी से दो-चार होता ही रहता है। हेल्थ केयर और हेल्थ टिप्स में सबसे ज्यादा कोई चीज सर्च की जाती है तो वो है कब्ज से छुटकारा कैसे पायें या एसिडिटी की परेशानी कैसे दूर करें। कब्ज की समस्या आम तौर पर उन लोगों में ज्यादा होती है जो पूरे दिन बैठकर काम करते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते हैं। आइए जानते हैं इसबगोल की भूसी खाने के क्या-क्या तरीके होते हैं और इसबगोल की भूसी खाने के फायदे और नुकसान के बारे में.......
इसबगोल की भूसी खाने से पहले हमें इसके बारे में जान लेना चाहिए। इसबगोल एक पौधे का बीज है जिसे प्लांटागो ओवाटा के नाम से जाना जाता है। इसबगोल का पौधा लगभग गेहूं के पौधे जैसा ही होता है। इसबगोल की भूसी का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं में भी किया जाता है।
ऐसा नहीं है कि यह भूसी है तो आप इसे जितना मर्जी हो उतना खा सकते हैं इसके खाने की खुराक भी तय होती है। इसबगोल की भूसी का इस्तेमाल भी उम्र के हिसाब से किया जाता है। इसबगोल की भूसी को पानी या दूध में मिलाकर किया जाता है। इसबगोल की भूसी एक से दो चम्मच तक आप नियमित उपयोग कर सकते हैं जब तक कब्ज, गैस और एसिडिटी की परेशानी रहती है। ज्यादा समय तक इसबगोल की भूसी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इससे नुकसान भी हो सकता है।
अगर आप पहले कभी एपेंडिसाइटिस या पेट में ब्लॉकेज जैसी समस्याओं से पीड़ित रह चुके हैं तो ईसबगोल का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। इसलिए अगर आप गर्भवती हैं और कब्ज़ से आराम पाने के लिए इसबगोल का सेवन करना चाहती हैं तो पहले अपनी गायनकोलॉजिस्ट से इस बारे में पूछ लें।
तीन साल से कम उम्र के बच्चों को ईसबगोल की भूसी खिलाने से परहेज करना चाहिए।
कभी भी इसबगोल के पाउडर को सीधे निगलने की कोशिश ना करें। ऐसा करने से यह गले में अटक सकता है और तेज खांसी या गले में जलन की समस्या हो सकती है। हमेशा ईसबगोल को पानी या दही के साथ ही लें।
अगर आप सीमित मात्रा में या डॉक्टर द्वारा बताई गयी खुराक के अनुसार इसका सेवन करें तो आप इसबगोल के सभी फायदों का लाभ उठा सकते हैं। यकीन मानिए इसबगोल को सही तरीके से खाने से यह बहुत जल्दी अपना असर दिखाती है और पेट के रोगों से मुक्ति दिलाती है।