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इन कारणों से रोता है आपका नन्हा शिशु

इन कारणों से रोता है आपका नन्हा शिशु
Are you a new mum trying to figure out what your baby needs every time she cries? Fortunately for you, Priscilla Dunstan, an Australian mum and a trained musician has found a technique to decode baby cries based on the sound they make. Read on to find out what your baby would say if she could talk.

क्या आप पहली बार माँ बनी है? और समझ नहीं पा रही हैं कि आपका बच्चा क्यों रो रहा है?

Written by Editorial Team |Updated : January 4, 2017 5:57 PM IST

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छोटा बच्चा अपनी ज़रूरत या परेशानी, दोनों को सिर्फ रोकर ज़ाहिर कर सकता है। सारे शिशु अपनी प्रॉबल्म, गुस्सा, बेचैनी, बोरियत या किसी भी प्रकार का असुविधा रोकर व्यक्त करते हैं। लेकिन अक्सर माता-पिता  के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि बच्चा रो क्यो रहा/रही है? आमतौर पर शिशु के रोने पर लोग यही समझते हैं कि उसको भूख लगी है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है, कभी वे उनको अपने ज़रूरत के अनुसार दूध पूरा नहीं मिलने पर रोते हैं तो कभी डाइपर के भींग जाने पर या देर तक पहने रहने पर गला फाड़कर रोते रहते हैं। लेकिन जैसे ही उनका डाइपर खोल दो वे खुश होकर खेलने लगते हैं। कभी तो किसी कपड़े से उन्हें असुविधा होने पर भी वे बहुत रोते हैं।

रोना शिशु के लिए नॉर्मल है लेकिन बहुत रोना बीमारी का संकेत यानि शारीरिक असुविधा का कारण भी हो सकता है। चलिये ऐसे ही कुछ आम कारणों के बारे में जानते हैं जिसके मदद से पहली बार बने माता-पिता के लिए यह जानने में कुछ मदद मिल जाये कि उनके शिशु रो क्यों रहे/रही हैं-

• कभी-कभी मल-मूत्र अच्छी तरह से बाहर न निकलने के कारण भी वे रोने लगते हैं। जैसे ही अच्छी तरह से इनका निष्कासन हो जाता है वे रोना छोड़कर आराम से खेलने या सोने लगते हैं।

• अक्सर माँ ठंडे मौसम में ज्यादा गर्म कपड़े पहना देती है, उससे बच्चों को बहुत असुविधा महसूस होने पर या गर्म लगने के कारण वे रोना शुरू कर देते हैं। इसलिए उनके पेट को स्पर्श करके देख लें कि वह गर्म है कि नहीं।

• स्टाइल के चक्कर में शिशू को टाइट या स्टाइलिश कपड़े पहनाने पर उन्हें शारीरिक असुविधा महसूस होती है जो वे रोकर व्यक्त करते हैं।

• कुछ बच्चे नहाने के समय बहुत रोते हैं क्योंकि नहाने के समय ठंड का एहसास किसी-किसी शिशु को अच्छा नहीं लगता है इसलिए वे रोने लगते हैं।

• सर्दी होने पर जब शिशुओं का नाक बंद हो जाता तब वे अच्छी तरह से सांस न ले पाने के कारण रोकर अपनी असुविधा को व्यक्त करते हैं।

• पेट में किसी भी प्रकार का प्रॉबल्म होने पर शिशु रोकर अपना कष्ट व्यक्त करते हैं। लेकिन पेट दर्द होने पर उनके रोने का स्टाइल दूसरे समय से कुछ अलग होता है। वे कुछ कर्णभेदी स्वर (shrill) में रोते हैं।

• यहाँ तक कि कभी-कभी शिशु बोरियत महसूस करने पर भी रोने लगते हैं। जब आप उनको लेकर बाहर निकलते हैं या उनके साथ खेलते हैं तब वे रोना छोड़ देते हैं।

• शिशु अक्सर गोद में रहने के लिए रोकर अपनी जिद पूरी करने की कोशिश करते हैं।

मूल स्रोत: Revealed – why babies cry!

अनुवादक - Mousumi Dutta

चित्र स्रोत - Shutterstock image


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